एमपी में लाल सलाम को आखिरी सलाम, सीएम बोले-42 दिनों में 42 नक्सलियों का सरेंडर, प्रदेश नक्सल मुक्त
भोपाल प्रदेश ने नक्सलवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। बालाघाट में राज्य के आखिरी दर्ज हार्डकोर नक्सली दीपक उर्फ मंगल उइके और रोहिदास उर्फ रोहित ने आत्मसमर्पण कर प्रदेश को नक्सल-मुक्त बनाने की दिशा में अंतिम कदम रखा। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के पुलिस अधिकारियों को बधाई दी। इस ऐतिहासिक आत्मसमर्पण के साथ मध्य प्रदेश आधिकारिक रूप से नक्सल-मुक्त राज्य बन गया है।बता दें, प्रदेश में मात्र 42 दिनों में 42 नक्सलियों का पुलिस ने आत्मसमर्पण कराया है। इनमें 7 करोड़ 75 लाख रुपये के इनामी नक्सली भी शामिल हैं। सीएम ने कहा कि लाल आतंक को मध्य प्रदेश में अब आखिरी सलाम कहा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तय लक्ष्य को प्रदेश ने समय से पहले ही पूरा कर दिखाया। मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधिकारियों और जवानों को बधाई दी और कहा कि मध्यप्रदेश ने साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और समर्पण से लाल आतंक को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान का उद्देश्य स्पष्ट था। नक्सली या तो हथियार डाल दें या खत्म कर दिए जाएं। आज ये पूरी तरह धराशायी हो चुके हैं या कानून के सामने झुक चुके हैं।डॉ. मोहन यादव ने नक्सल ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि अब बालाघाट, मंडला और डिंडोरी में विकास का नया इतिहास लिखा जाएगा। इन जिलों में एक हजार से अधिक जवान और 850 गोपनीय पुलिसकर्मी तैनात थे। उन्होंने बताया कि अब इन इलाकों में स्कूल, अस्पताल, सड़कें और रोजगार की दिशा में काम होगा।