गजब है MP का बिजली विभाग, 12 रुपये के बकाया के लिए उपभोक्ता को थमाया नोटिस
मध्य प्रदेश में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर आए दिन उपभोक्ताओं की शिकायतें सामने आती रहती हैं। कभी गलत बिल, कभी बिना कनेक्शन के बिल, तो कभी अत्यधिक चार्ज कुछ न कुछ विवाद हमेशा बना रहता है, लेकिन सतना जिले में जो मामला सामने आया है, उसने विभाग की कार्यशैली को लेकर लोगों के बीच हंसी और नाराज़गी दोनों ही पैदा कर दी है। कोठी स्थित विभाग ने एक उपभोक्ता को सिर्फ 12 रुपये बकाया दिखाते हुए आधिकारिक नोटिस भेज दिया। यह नोटिस जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंचा, देखते ही देखते वायरल हो गया।
उपभोक्ता ने खोला नोटिस, तो 12 रुपये का बकाया देखकर रह गए हैरान
कोठी निवासी पीयूष अग्रवाल ने जब बिजली विभाग का नोटिस हाथ में लेकर खोला, तो उन्हें उम्मीद थी कि शायद बिल में कोई तकनीकी गड़बड़ी या बड़ा अमाउंट होगा। लेकिन नोटिस में लिखा था आप पर 12 रुपये बकाया हैं, नियमानुसार भुगतान करें अग्रवाल के अनुसार उन्होंने कभी भी बिजली का बिल लंबित नहीं रखा। सभी बिल समय-सीमा के भीतर जमा किए हैं। उनका यह भी कहना है कि वे अपने उपभोक्ता खाते में कोई बकाया नहीं देख रहे थे। ऐसे में 12 रुपये के नोटिस ने उन्हें हैरान कर दिया।
नोटिस की तारीख भी बनी सवालों का कारण
इस मामले में हैरान करने वाली एक और बात यह सामने आई कि नोटिस की तारीख 22 मई 2025 दर्ज है, जबकि यह उपभोक्ता को 5 दिसंबर को विभाग के लाइनमैन द्वारा दिया गया। तारीखों की यह गड़बड़ी भी विभाग की लापरवाही का बड़ा संकेत मानी जा रही है, जिस पर उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया में टिप्पणी भी की है।
सोशल मीडिया पर वायरल, लोग बोल पड़े MP बिजली विभाग की अनोखी जिम्मेदारी!
जैसे ही नोटिस की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई, यह कुछ ही घंटों में वायरल होती चली गई। लोगों ने कहा कि 12 रुपये के लिए सरकारी नोटिस! वाह री व्यवस्था इतने कम राशि का नोटिस भेजने में जितना खर्च हुआ, उससे ज्यादा तो राशि है।
विभाग बैकफुट पर, जेई ने स्वीकार की गलती
मामले के बढ़ते तूल को देखते हुए कोठी के कनिष्ठ अभियंता (जेई) हेमराज सेन सामने आए। उन्होंने माना कि नोटिस त्रुटिवश भेज दिया गया। जेई हेमराज सेन ने कहा उपभोक्ता के ऊपर कोई बकाया नहीं था। लाइनमैन की गलती के कारण यह नोटिस जारी हुआ। विभाग भविष्य में ध्यान रखेगा कि इस तरह की गलती दोबारा न हो। यह स्वीकारोक्ति स्पष्ट करती है कि विभाग की आंतरिक प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।